Last updated: मार्च 11th, 2025
The National Commission for Women was set up as statutory body in January 1992 under the National Commission for Women Act, 1990 (Act No.20 of 1990 of Govt. of India) महिलाओं के लिए संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा उपायों की समीक्षा करना; सुधारात्मक विधायी उपायों की सिफारिश करना, शिकायतों के निवारण में सहायता करना तथा महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देना।
संक्षिप्त इतिहास
भारत में महिलाओं की स्थिति पर समिति (सीएसडब्ल्यूआई) ने शिकायतों के निवारण को सुविधाजनक बनाने और महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए निगरानी कार्यों को पूरा करने हेतु राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना की सिफारिश की।
- राष्ट्रीय महिला भावी योजना (1988-2000) सहित अनुक्रमिक समितियों / आयोगों / योजनाओं ने महिलाओं हेतु सर्वोच्च निकाय गठित करने की अनुशंसा की।
- 1990 के दौरान, केन्द्र सरकार ने प्रस्तावित आयोग की संरचना, कार्यों, शक्तियों आदि के संबंध में गैर सरकारी संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों के साथ परामर्श किया।
- मई, 1990 में, विधेयक को लोक सभा में पुर:स्थापित किया गया।
- जुलाई 1990 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विधेयक के संबंध में सुझाव प्राप्त करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन आयोजित किया।
- अगस्त 1990 में सरकार ने कई संशोधन पेश किये और आयोग को सिविल न्यायालय की शक्ति प्रदान करने के लिए नये प्रावधान प्रस्तुत किये।
- विधेयक पारित हुआ और 30 अगस्त, 1990 को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिली।
- प्रथम आयोग का गठन 31 जनवरी 1992 को किया गया था।