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अरुणाचल प्रदेश में जन्मीं *यानुंग जमोह लेगो* ने एम.एससी. (कृषि) के बाद सरकारी नौकरी की, लेकिन दिल में था अपने समुदाय का पारंपरिक ज्ञान बचाने का सपना।