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बोंगारा, असम की ‘कोचपारा अंकुर’ स्वयं सहायता समूह की महिलाएं हाथ करघा weaving के अपने पारंपरिक हुनर के साथ न केवल सुंदर और उत्कृष्ट उत्पाद बना रही हैं, बल्कि अपनी मेहनत और टीम भावना से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बन चुकी हैं।